Tuesday 1 May 2012




सुधेन्दु पटेल की कविता : मुझे माफ़ न करना

[ जयपुर के नगीना उद्योग के बाल - श्रमिकों से ... वरिष्ट पत्रकार सुधेन्धु पटेल ]
मेरे बच्चों
मुझे माफ़ न करना !

कि किलकारियों को भूख की नोक पर
उछाल – उछालकर
सिसकारियों में बदला है मैंने ही ।

कि नाजुक उंगलियों के पोरों पर
आखरों के फूल नहीं ,
उगाये हैं तेजाबी फफोले मैंने ही ।

कि कोपल – से उगते सपनों पर
चिंदी – चिंदी आग
स्पर्श की जगह छितराये मैंने ही ।

ना बच्चों
माफ़ नकरना हमें
जब तक तुम्हा्री
पारदर्शी आंखों के सामने